जैन यूथ काउन्सिल (दिल्ली प्रदेश)
परम
पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज का उद्देश्य युवा वर्ग को धर्म से
जोड़ना तथा सामाजिक क्रियाकलापों में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाना रहा है।
वर्तमान में युवाओं की धर्म-विमुखता से चिंतित तथा समाज के उज्जवल भविष्य
के लिए निरंतर प्रयासरत पूज्य आचार्य श्री ने राजधानी दिल्ली की विभिन्न
कालोनियों से युवा वर्ग को एक सूत्र में बाँधा। दिसम्बर 2008 में जैन यूथ काउन्सिल का गठन कर
पाश्चात्य संस्कृति में रम रहे युवाओं को व्यसनों से दूर रखकर धार्मिक
एवं सामाजिक कर्तव्यों के प्रति उनका दायित्व महसूस करवाया।
आचार्य श्री की प्रेरणा, आशीर्वाद, निर्देशन एवं सान्निधय में जैन यूथ काउन्सिल
के सैकड़ों सदस्यों ने समय-समय पर धार्मिक एवं सामाजिक स्तर पर विभिन्न
आयोजनों में अपनी सशक्त भागीदारी से समाज में अपनी गरिमा बढ़ाई है। इनमें
प्रमुख हैं -
- विभिन्न प्रसंगों पर युवा वर्ग को जोड़कर साधुओ की नवधा-भक्ति पूर्वक निरन्तराय आहारचर्या सम्पन्न करवाई।
- धार्मिक आयोजनों में प्रेरक नाटिकाएं प्रस्तुत की।
- पूज्यश्री की प्रेरणा से आयोजित श्री सम्मेद शिखर जी की अनूठी यात्रा में सदस्यों द्वारा अभूतपूर्व योगदान दिया गया जिसे समस्त यात्रियों ने दिल खोलकर सरहाया।
- साधुओं के आहार-विहार आदि क्रियाओं में सहभागिता निभायी।
- शोभायात्रा, रथयात्रा आदि अनेक धार्मिक समारोह में व्यवस्थाओं का सुचारू सञ्चालन किया।
- नववर्ष के उपलक्ष्य में अविस्मरणीय, अलौकिक एवं भव्य समारोह 'उलझनों से दुर… आ जी लें ज़रा" का आयोजन किया।